Rekha mishra

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लेखनी कहानी -02-Feb-2022

एक श्राप

भाग 14

बिल्कुल करेगा ही करेगा। आप लोगों ने इतनी मेहनत जो कि है नील ने पूछा दादी आप दादाजी से रोज इसी समय मिलने आती थी फिर कुछ इलाज भी किया होगा ना इस श्राप को कम करने के लिए। और उन्हें कैसे पता चला आप उन्हीं की बहन हो जिसने उन्हे श्राप दिया। लंबी कहानी है बेटा! पहले काम निपटा लो।आज ही हमे सारे पौधे लगाने हैं, क्यूँ आज ही क्यूँ कल अमावस्या है तो कल ये पौधे ज्यादा असर दिखाएगा। दुनिया की आधी से ज्यादा बुरी शक्तियां कल जागृत होती है, मतलब कि अमावस्या की रात।तब ये औषधि ढाल के रूप में सुरक्षा कवच का रूप लेती है तो कल अगर इनके परिवार के सभी आदमी इस बगीचे के बीच सो जाएं तो श्राप खत्म हमेशा हमेशा के लिए। आज तुम्हारे दादाजी मेरे भरोसा ये काम छोड़कर अपनी हवेली पर अपने घर गए हैं पता नहीं कोई पहचाने गा भी या नहीं। आओ थोड़ी देर आराम कर लो फिर काम पर लगना है हाँ दादी सा। वैसे आप की कहानियों में जादू था हमें तो थकान मेहसूस ही नहीं हुई। दादी हंसती हैं,बच्चों मेरे घर काम करने आते हो, तो मेरे घर के हर सदस्य के लिए जो पीने का पानी है ना उसने कुछ ऐसी जड़ी बूटियां होती है कि आप सभी फ्रेश मेहसूस करेंगे। अरे वाह दादी ! हाँ चलो चाय नाश्ता लगवा देती हूं तुम्हारे लिए। तीनों मिलकर चाय नाश्ता कर के फिर काम पर चलेगी जातें हैं, हाँ दादी आप सुनाते जाओ, हम काम करते करते सुनेंगे। तो मैं रोज दादाजी से चुपचाप मिलने आयी वो मुझे मैं भी उन्हें अच्छी लगने लगी थी।हमने मिलकर तुम्हारे दादाजी की पहले झोपड़ी बनाई। वो पढ़ने तब भी जाते थे यहाँ फिर थोड़ा जैसा भी काम मिलता करते और खाना खाते, सबसे पहली फीस केलिए उनके पास पैसे नहीं थे तब पहली बार उनकी खातिर मैने चोरी की उन्हें बताया भी तब उन्होंने कहाँ आज तुम मेरा साथ दे रही हो। वक्त आने पर जो माँगना चाहो माँगना दूँगा, मेरा वचन है। मैने भी कहा मुकर तो नहीं जाओगे ना। वो बोले हालातों का मारा सही लेकिन हूं असली राजवंश का, जब उनकी पढ़ाई पूरी हुई और उन्हें पहली नौकरी मिली, उस दिन उन्होंने मुझसे शादी का प्रस्ताव रखा मैने कहाँ खुशी से लेकिन पहले मेरे बारे में जान तो लो उन्होंने कहा फर्क नहीं पड़ता मैने कहाँ मैं उस वंश से हूँ जिनके कारण तुम्हारा यह हाल है, वो अचंभित भी थे और गुस्सा भी, मैने कहाँ मै तुम्हें इतना चाहती हूँ कि सब छोड़ कर तुम्हारे साथ रह सकती हूं। वो बोले में जानता हूं तुम्हारा प्यार सच्चा है लेकिन मुझे बताओ इस वंश से कैसे जुड़ी हो। मैने बताया मेरी ही बहन थी जिसने उसके प्यार का बदला तुमसे तुम्हारे पूरे परिवार से लिया। अब भरोसा कैसे करूँ तुम्हारा, देखो मैं जान लगा दूँगी इस श्राप को हटाने के लिए जितना हो पाया, ताकि मेरे परिवार से ये दाग हटने। हम विचर किसी का बुरा नहीं करते, लेकिन मेरी बहन ने किया तो उसका सुधार मैं करूंगी हमने मंदिर में चुपचाप शादी कर ली, मैं घर कभी का छोड़ देती लेकिन ,मुझे दादाजी के ठीक करने का नुस्खा सीखना था और उनके घरवालों को ठीक करने का। यहां तक कि वो घेरा बन्दी जो जंगल की है मैने खुद की है।तो मतलब दादाजी भेड़िया नहीं बनते बिल्कुल बनते थे लेकिन मैने उन्हें ऐसी दवाईयां दी कि उनके मन पर भेड़िया बनने के बाद भी असर ना पड़े, फिर एक दिन अचानक भेड़िया बने ही नहीं हम समझ गए कोई लड़का जवान हो गया है। तब से लेकर अभी तक महुआ का पौधा ढूंढते रहे है और देखो आज मिल गया। ओर आप के घर वालों को पता है आप दादाजी की बीवी हैं नहीं उन्हें मैने ऐसा दिखाया कि मैं मैं चुकी हूँ, नहीं तो वो दादाजी को भी परेशान करते, मैं नहीं चाहती थी मेरी वजह से ये कुछ और भुगते। एक बार मैने उन झाड़ियों मे आग लगा दी जहां में पड़ती थी। और खुद कुछ ऐसी औषधियाँ खाई की वो चाहे तो मेरा पता नहीं लगा पाएं। क्यूंकि वो लोग मुझे जादू की दुनिया में के जाना चाहते थे। मैने तुम्हारे दादा के साथ काफी कुछ सीखा समझा। हां बताते रहते हैं अपने परिवार के बारे में यहां आओ हो सकता है तुम लोगों ने इनके घर में किसी को देखा भी हो वो दादाजी के अनुसंधान वाले कमरे में हमारे परिवार की एक बड़ी फोटो लगा रखी है। अरे वाह! बहुत सुन्दर परिवार है अरे इसमे ये छोटे बच्चे ये हैं परपोता । अब जाने कैसा दिखता होगा। चलो कल दिख ही जाएगा। अच्छा दादी अगर आपके परिवार में कोई अभी भी भेड़िया हुआ तो वो सबसे साथ कैसे सो जाएगा, इसके भीतर कोई शक्ति काम करती ही नहीं। वो अंदर हो तो वो साधारण इंसान ही रहेगा। 

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3 Comments

Niraj Pandey

05-Mar-2022 12:40 AM

बहुत ही बेहतरीन 👌

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Arshi khan

05-Mar-2022 12:00 AM

Nice

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Punam verma

04-Mar-2022 05:33 PM

Very nice

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